बिहार लोक सेवा आयोग (BPSC) का महत्वपूर्ण योगदान बिहार के प्रशासनिक ढांचे में किया गया है। इसकी स्थापना 1949 में भारतीय संविधान के अधिनियमन के बाद हुई थी और इसका मुख्य उद्देश्य मेधासंपन्न प्रणाली द्वारा सरकारी सेवाओं में व्यक्तियों की नियुक्ति करना है।
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BPSC विभिन्न सरकारी पदों के लिए चयन प्रक्रिया जिसमें परीक्षा, साक्षात्कार और शॉर्टलिस्टिंग शामिल है, के माध्यम से उम्मीदवारों का चयन करता है। आयोग सेवाओं की शर्तों, पदोन्नति, स्थानांतरण और अनुशासनात्मक कार्रवाइयों के बारे में भी सरकार को सलाह देता है। इस प्रकार, BPSC की निष्पक्ष और सजीव चयन प्रक्रियाएँ राज्य के विकास और सरकार में महत्वपूर्ण योगदान देती हैं।
बिहार लोक सेवा आयोग की स्थापना
बिहार लोक सेवा आयोग (बीपीएससी) की स्थापना भारतीय संविधान के अनुच्छेद 315 के तहत की गई थी। यह एक स्वतंत्र और संवैधानिक इकाई है जिसका मुख्य कार्य राज्य में विभिन्न सरकारी नौकरियों के लिए योग्य उम्मीदवारों का चयन करना है।
बिहार लोक सेवा आयोग के कार्य
बीपीएससी राज्य सरकार के लिए विभिन्न स्तरों पर नियुक्तियाँ करता है। इसमें प्रशासनिक सेवाएँ, पुलिस सेवाएँ, शिक्षा विभाग, वन विभाग, स्वास्थ्य सेवाएँ और ऊर्जा विभाग शामिल हैं। आयोग विभिन्न प्रतियोगी परीक्षाओं का आयोजन करता है और इसके माध्यम से योग्य उम्मीदवारों का चयन करता है।
चयन प्रक्रिया
बिहार लोक सेवा आयोग की चयन प्रक्रिया तीन चरणों में होती है: प्रारंभिक परीक्षा, मुख्य परीक्षा और साक्षात्कार। प्रारंभिक परीक्षा में वस्तुनिष्ठ प्रश्न होते हैं, जबकि मुख्य परीक्षा में वर्णनात्मक प्रश्न पूछे जाते हैं। अंत में, चयनित उम्मीदवारों का साक्षात्कार लिया जाता है। साक्षात्कार में उनके ज्ञान, योग्यता और व्यक्तिगत क्षमताओं का मूल्यांकन किया जाता है।
बीपीएससी की भूमिका
बीपीएससी न केवल चयन प्रक्रिया में पारदर्शिता बनाए रखने के लिए जिम्मेदार है बल्कि यह भी सुनिश्चित करती है कि सभी चयन प्रक्रियाएँ समय से संचालित हों और योग्य उम्मीदवारों को सही समय पर नियुक्त किया जाए। आयोग विभिन्न सरकारी विभागों में सदस्यों की नियुक्ति के लिए योग्यता, अनुशासन और विशेषज्ञता के उच्चतम मानकों का पालन करता है।
FAQs
BPSC प्रारंभिक परीक्षा में गणित और तर्क से कितने प्रश्न पूछे जाते हैं?
BPSC प्रारंभिक परीक्षा में गणित और तर्क से मैट्रिकुलेशन/इंटरमीडिएट स्तर के लगभग 10-12 प्रश्न पूछे जाते हैं।
BPSC प्रारंभिक परीक्षा में बिहार राज्य के संदर्भ में कितने प्रश्न पूछे जाते हैं?
BPSC प्रारंभिक परीक्षा में कुल 150 में से लगभग 15-20 प्रश्न बिहार राज्य के संदर्भ में पूछे जाते हैं।
BPSC मुख्य परीक्षा में हिंदी प्रश्न पत्र उत्तीर्ण करने का क्या अर्थ है?
हिंदी प्रश्न पत्र उत्तीर्ण करने का अर्थ है इसमें न्यूनतम 30% अंक (100 में से 30) प्राप्त करना, जो उम्मीदवार के अन्य प्रश्न पत्रों के मूल्यांकन के लिए अनिवार्य है।
BPSC मुख्य परीक्षा में सांख्यिकी प्रश्नों का क्या योगदान है?
पहले सामान्य अध्ययन के प्रश्न पत्र में, सांख्यिकीय विश्लेषण, चित्रण और चित्रण प्रश्नों के लिए 72 अंक आवंटित किए गए हैं, जिनका उत्तर उत्तर पुस्तिका में देना होगा।
BPSC मुख्य परीक्षा की उत्तर पुस्तिका में कितने पृष्ठ उपलब्ध हैं?
उत्तर पुस्तिका में कुल 38 क्रमांकित पृष्ठ दिए गए हैं, जो बिना किसी नियम के रिक्त हैं।