कलात्मक तैराकी ओलम्पिक, जिसे पहले सिंक्रनाइज़ तैराकी के नाम से जाना जाता था, एक अद्वितीय खेल है जिसमें तैराक पानी में नृत्य करते हैं। यह खेल कला, संगीत और तैराकी का एक अनूठा मिश्रण है, जो दर्शकों को मंत्रमुग्ध कर देता है। 1984 के लॉस एंजेल्स ओलंपिक में पहली बार इसे ओलंपिक खेलों में शामिल किया गया था। अब, 2024 के पेरिस ओलंपिक में, यह खेल एक नई दिशा में बढ़ रहा है, जिसमें पुरुष तैराकों को भी शामिल किया गया है।
नीरज चोपड़ा और किशोर जेना का योगदान
नीरज चोपड़ा, जो एक प्रसिद्ध जैवलिन थ्रोअर हैं, ने भारतीय खेलों में एक नया मानक स्थापित किया है। हालांकि उनका मुख्य खेल जैवलिन थ्रो है, लेकिन उनकी खेल भावना और समर्पण ने उन्हें कलात्मक तैराकी में भी रुचि रखने के लिए प्रेरित किया है। किशोर जेना, एक उभरते हुए कलात्मक तैराक, ने इस खेल में अपनी प्रतिभा से सभी का ध्यान आकर्षित किया है। उनका प्रयास न केवल व्यक्तिगत उपलब्धियों के लिए है, बल्कि भारतीय कलात्मक तैराकी को अंतरराष्ट्रीय मंच पर पहचान दिलाने का भी है।
कलात्मक तैराकी का भविष्य
2024 के पेरिस ओलंपिक में कलात्मक तैराकी का भविष्य उज्ज्वल नजर आ रहा है। इस खेल में न केवल महिला तैराकों की प्रतिभा का प्रदर्शन होगा, बल्कि पुरुष तैराक भी अपनी कला का प्रदर्शन करेंगे। यह बदलाव खेल को और अधिक समावेशी बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। भारतीय तैराकों की मेहनत और समर्पण इस खेल को नई ऊँचाइयों पर ले जाने में मदद करेगा.इस प्रकार, कलात्मक तैराकी ओलम्पिक न केवल एक खेल है, बल्कि यह कला और संस्कृति का एक अनूठा संगम भी है, जो दर्शकों को एक नई दृष्टि प्रदान करता है।
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